वैदिक पंंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हुई है। लेकिन नवरात्रि के अष्टमी और नवमी व्रत को लेकर इस बार बड़ा संशय बना हुआ है। क्योंकि इस बार नवरात्रि में तिथि कुछ इस तरह से चल रही है कि विजयदशमी के दिन नवरात्रि का पर्व खत्म हो रहा है। आपको बता दें कि एक ही दिन में दो तिथियां लग रही हैं। यहीं क्रम दशहरे तक चलेगा। ऐसे में इस बार अष्टमी और नवमी व्रत को लेकर कंफ्यूजन है कि किस दिन व्रत रखा जाएगा। वहीं नवरात्रि के आठवें दिन देवी शक्ति के महागौरी स्वरूप की अराधना की जाती है। साथ ही नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। जानें नवरात्रि अष्टमी और नवमी तिथि का व्रत कब रखा जाएगा
कब है अष्टमी का व्रत ?
वैदिक पंचांग के मुताबिक अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्टूबर को दोपहर में 12 बजकर 31 मिनट पर हो रही है और 11 तारीख को अष्टमी तिथि दोपहर में 12 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। इसके तुरंत बाद ही (10 अक्टूबर गुरुवार के दिन) नवमी तिथि शुरू हो जाएगी।
कब है नवमी का व्रत ?
नवमी तिथि 12 तारीख को सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। पंचांग के अनुसार जिन लोगों को अष्टमी का व्रत रखना है वह 10 अक्टूबर (गुरुवार) को अष्टमी का व्रत रखेंगे और नवमी तिथि का व्रत रखना है वह 11 अक्टूबर शुक्रवार के दिन रखेंगे।
कब करें कन्या पूजन ?
आपको बता दें कि जिन लोगों का यहां महा अष्टमी पूजा होता है उन्हें कन्या पूजन 11 अक्टूबर शुक्रवार के दिन करना शास्त्र सम्मत रहेगा। साथ ही जिन लोगों को नवमी तिथि का पूजन करना है वह 12 अक्टूबर शनिवार को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से पहले पहले कन्या पूजन कर लें। क्योंकि, इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी।