सिकंदराबाद – नगर के किशन तालाब मंदिर के मैदान पर माँ भगवती सेवा समिति के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के प्रतिष्ठित कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने परिवारिक मूल्यों और सुखी जीवन के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि जीवन की असली संपत्ति धन, संपत्ति या भौतिक सुख-सुविधाओं में नहीं, बल्कि एक सुखी और संतोषपूर्ण परिवार में निहित है। अनिरुद्धाचार्य ने बताया कि वर्तमान समय में लोग भौतिकवाद की दौड़ में इतने व्यस्त हो गए हैं कि वे परिवार के साथ समय बिताने और आपसी संबंधों को मजबूत करने में असफल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, “परिवार हमारी पहली पाठशाला है, जहां हमें संस्कार, प्रेम और सहयोग की शिक्षा मिलती है। यदि परिवार खुशहाल है, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।”उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि परिवार में आपसी संवाद और समझौता जरूरी है। “छोटी-छोटी बातों पर विवाद करने के बजाय हमें एक-दूसरे की भावनाओं को समझने और सम्मान देने की आदत डालनी चाहिए। अनिरुद्धाचार्य ने श्रोताओं को यह संदेश दिया कि एक सुखी परिवार ही समाज और राष्ट्र की प्रगति का आधार है। परिवार के साथ समय बिताना सबसे बड़ा धन है। जो मनुष्य प्रतिदिन अपने बीबी और बच्चो के साथ हँसकर समय बिताता है आज की दुनिया में उससे बड़ा कोई धनवान नहीं है। उन्होंने कहा की धन की अधिकता मनुष्य को चरित्रहीन बनाती है। इसलिए ज़्यादा धन के पीछे नहीं भागना चाहिए। बिल गेट्स का उदहारण देते हुए कहा कि उनके पास बहुत धन था लेकिन इससे वे अपने परिवार को नहीं बचाए। दुनिया में पैसा ही सब कुछ नहीं है पारिवारिक सुकून सबसे बड़ा धन है। अंत में उन्होंने कहा कि जहाँ पर श्रीमद् भगवत कथा होती है वह स्थान कलियुग के प्रभाव से मुक्त होता है। कथा के उपरांत सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर अंशु शर्मा, पंडित सचिन शर्मा, नितिन गर्ग, मनोज वर्मा, अर्चित गोयल, उज्ज्वल गोयल, सौर अग्रवाल, हनी कंसल, वैभव गोयल सहित आयोजन समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे।