सिकंदराबाद – क्षेत्र के गाँव सिरोंधन में छात्रों की शिक्षा और भविष्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए आधुनिक ई-लाइब्रेरी की स्थापना की गयी।
रविवार को क्षेत्र के गाँव सिरोंधन के प्रधान संजय यादव के अथक प्रयास से गाँव के छात्रो के सुनहरे भविष्य के निर्माण हेतु ई-लाइब्रेरी की स्थापना की गयी। जिसका उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक लक्ष्मीराज सिंह के कर-कमलों द्वारा किया गया। यह लाइब्रेरी डिजिटल युग के अनुरूप शिक्षा और संसाधनों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्थापित की गई है। इस अवसर पर गाँव वासियो को संबोधित करते हुए विधायक लक्ष्मीराज ने कहा कि यह ई-लाइब्रेरी छात्रों के लिए ज्ञान का एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगी। यहां उपलब्ध डिजिटल संसाधन और पुस्तकें छात्रों के शैक्षिक विकास में अहम भूमिका निभाएंगी। यह पहल हमारे क्षेत्र के युवाओं को प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं, शोध और आधुनिक शिक्षा के लिए प्रेरित करेगी। लाइब्रेरी में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिसमें ऑनलाइन पुस्तकें, शैक्षिक वीडियो, डिजिटल कोर्स और वाई-फाई जैसी सेवाएं शामिल हैं। यह परियोजना छात्रों और युवाओं को उनकी पढ़ाई के साथ-साथ करियर बनाने में मदद करने के लिए समर्पित है। वही ई-लाइब्रेरी की स्थापना करने वाले प्रधान संजय यादव ने कहा की गाँव के छात्रो को लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए शहर में जाना पड़ता था जिससे उनको कठनाइयो का सामना करना पड़ता था उनकी इसी परेशानी को देखते हुए इसकी स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि इस ई-लाइब्रेरी से आस पास के क्षेत्र के सैकड़ो छात्र लाभान्वित होंगे और भविष्य में उस ई-लाइब्रेरी को और विशाल रूप दिया जाएगा। वर्तमान में ई-लाइब्रेरी में एक समय में 50 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है। इस दौरान उपस्थित ग्रामवासियो और छात्रों ने इस पहल की सराहना की और गाँव के प्रधान संजय यादव को धन्यवाद दिया। छात्रों ने इसे अपने सपनों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। ई-लाइब्रेरी सप्ताह के सातों दिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहेगी। सभी छात्र इसका लाभ उठा सकते हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता बलवीर प्रधान एवं संचालन संजय मास्टर ने किया। इस मौके पर कैप्टन रामपाल सिंह, रोहित यादव, कृपाल दीवान जी, सरदार सिंह, शिव कुमार शर्मा, राकेश शर्मा,रामवीर जाटव, रामवीर प्रजापति, राजेश यादव ओमप्रकाश यादव, अजब सिंह जाटव, मंगला प्रजापति सहित सैकड़ो के संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे ।
