April 16, 2025 3:51 pm

मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मौसम पूर्वानुमान बढ़ाने के लिए हम एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग कर रहे हैं

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Mrutyunjay Mohapatra said IMD using AI and machine learning to enhance weather forecasts

मृत्युंजय महापात्रा
– फोटो : ANI

विस्तार


मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि मौसम के बेहतर पूर्वानुमान के लिए देश के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। 

महापात्रा ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में उभरती हुई प्रौद्योगिकियां संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल की पूरक होंगी, जिनका वर्तमान में मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि मौसम विभाग पंचायत स्तर या 10 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में तेजी से मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए अवलोकन प्रणालियों (observational systems) को बढ़ा रहा है।

39 डोप्लर मौसम रडार का एक नेटवर्क तैनात

उन्होंने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 39 डोप्लर मौसम रडार का एक नेटवर्क तैनात किया है जो देश के 85 प्रतिशत भूभाग को कवर करता है और प्रमुख शहरों के लिए प्रति घंटा पूर्वानुमान सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि आईएमडी ने वर्ष 1901 से देश के मौसम रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है और मौसम के बारे में जानकारी जुटाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है।

महापात्रा ने आगे कहा, ‘हमने सीमित तरीके से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना शुरू कर दिया है। अगले पांच वर्षों के भीतर एआई हमारे मॉडलों और तकनीकों में काफी वृद्धि करेगी।’

विशेषज्ञ समूहों का गठन हुआ

आईएमडी के महानिदेशक ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और आईएमडी में विशेषज्ञ समूहों का गठन किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और संख्यात्मक पूर्वानुमान मॉडल दोनों पूर्वानुमान सटीकता में सुधार के लिए एक दूसरे के पूरक होंगे। दोनों साथ-साथ काम करेंगे और दूसरे की जगह कोई नहीं ले सकता।

स्थानीय पूर्वानुमानों की आवश्यकता पर महापात्रा ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य पंचायत या गांव स्तर पर पूर्वानुमान देना है। कृषि, स्वास्थ्य, शहरी नियोजन, जल विज्ञान और पर्यावरण में क्षेत्र-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए मौसम की जानकारी तैयार करना हमारा उद्देश्य है। 

यह होगा फायदा

उन्होंने कहा कि अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग पद्धति के माध्यम से न केवल मौसम परिस्थितियों, भूस्खलन, ग्लेशियर के टूटने जैसी स्थितियों का बेहतर पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन, परिवहन बाधा, कृषि प्रभावोत्पादकता, आपूर्ति श्रृंखला प्रभाव आदि के बारे में सटीक आकलन करने में मदद मिलेगी। इससे आंधी, तूफान, बिजली कड़कने, धूल भरी आंधी, चक्रवात का बेहतर आकलन करके कम समय में जानकारी मुहैया कराई जा सकेगी, जिससे जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकेगा।




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